प्रोजेक्ट विधि (प्रयोजना विधि)

                              प्रोजेक्ट विधि (प्रयोजना विधि)          Ashok Chouhan

·          प्रोजेक्ट    -     किसी भी कार्य को करने से पहले उसका प्रतिफल, कौशल, मॉड़ल बनाने को
                    प्रोजेक्ट कहते है ।

·          प्रोजेक्ट शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग                           -                  रिचार्ड महोदय
F  प्रोजेक्ट शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग व्यावसायिक शिक्षा में यांत्रिक विज्ञान में हुआ ।

·          शिक्षा के क्षेत्र में प्रोजेक्ट शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग     -                  अमेरिका में
F  सन् 1908 ई. में अमेरिका के मैसच्यूसेट स्टेट के Board of Education द्वारा सर्वप्रथम
      प्रोजेक्ट शब्द प्रयोग किया गया था ।
F   इसका प्रयोग मुर्गी पालन व बागवानी जैसे गृह कार्य के लिए इसका प्रयोग किया गया था ।

·          शिक्षण के क्षेत्र में प्रोजेक्ट शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग   -        W.H. किलपैट्रिक (कोलंबिया वि.वि)
                     शोध पत्र       -        The Project Method
                     पुस्तक           -       
Foundation of Method
                      गुरु              -        जॉन डी.वी (दर्शनशास्त्री - हावर्ड वि.वि)             

·          प्रयोजनाविधि के जनक          -        W.H. किलपैट्रिक                       

·         

 प्रयोजनावाद के सिद्धांत

प्रयोजनावाद के जनक           -        जॉन डी.वी (दर्शनशास्त्री)    
                                                 
(1)     सत्य वह है, जो प्रमाणिक हो
                                                  (2)     जो प्रमाणिक है, वह सत्य है ।
                                                  (3)     जो सत्य है, वह उपयोगी है ।
                                                  (4)     जो उपयोगी है, वही सत्य है ।

·          भारत में प्रोजेक्ट कार्य की झलक       -        महात्मा गांधी की बुनियादी शिक्षा (1937 ई.)
F  महात्मा गांधी ने तीसरी कक्षा के बच्चों को चरखे से सूत कातना सिखाया

प्रमुख परिभाषाएँ

(1) किलपैट्रिक       -        प्रोजेक्ट एक सहृदय, उद्देश्यपूर्ण कार्य है जो पूर्ण संलग्नता के साथ
                                    सामाजिक वातावरण में किया जाता है ।

(2)  स्टीवेंसन         -        प्रोजेक्ट एक समस्यामूलक कार्य है जो अपनी स्वाभाविक परिस्थितियों
                                    के अन्तर्गत पूर्णता को प्राप्त करता है ।

(3)  बेलार्ड            -        प्रोजेक्ट वास्तविक जीवन का एक छोटा सा भाग है जिसे विद्यालय में
                                    लाया गया है ।

प्रोजेक्ट विधि के पद / सोपान

        (1)  परिस्थितियाँ उत्पन्न करना
        (2)  योजना का चयन व उसके उद्देश्यों के बारे में स्पष्ट ज्ञान देना
        (3)  योजना का कार्यक्रम बनाना
        (4)  योजनानुसार कार्य करना
        (5)  योजना का मूल्यांकन
        (6)  सारे कार्य का लेखा - जोखा रखना (अभिलेखन)       

प्रोजेक्ट कार्य की विशेषताएँ

        (1)  प्रोजेक्ट कार्य का सबसे महत्वपूर्ण पद परिस्थितियां उत्पन्न करना होता है ।
        (2)  इस विधि का मूलमंत्र है ‘करके सीखना’ ‘जीवन द्वारा सीखना’ है ।
        (3)  प्रोजेक्ट विधि में कक्षा - कक्ष में केवल विचार गोष्ठियां व कार्य गोष्ठियां होती है  सिखने
              का कार्य सामान्यत: कक्षा - कक्ष के बाहर विद्यालय में सामाजिक वातावरण में होता है ।
        (4)  इस विधि में सम्पूर्ण विद्यालय ही प्रयोगशाला बन जाती है ।
        (5)  इस विधि में अध्यापक की भूमिका एक सहयोगी व मार्गदर्शक की होती है ।

प्रोजेक्ट विधि के गुण

·       यह एक सर्वाधिक मनोवैज्ञानिक विधि है ।

·       प्रोजेक्ट विधि में थार्नडाईक के सिखने के तीनों नियमों की पालना होती है ।
       (1)  तत्परता का नियम
       (2)  अभ्यास का नियम
       (3)  संतोष (प्रभाव) का नियम

·       यह एक प्रजातांत्रिक सामाजिक भावनाओ को विकसित करने वाली विधि है ।

·       इस विधि से सिखा हुआ ज्ञान स्थाई सुसंगठित होता है ।

·       इस विधि में व्यक्तिगत विभिन्ताओं पर ध्यान दिया जा सकता है ।

प्रोजेक्ट विधि के दोष

·         यह एक खर्चीली विधि है ।

·         सामाजिक ज्ञान की प्रत्येक विषय वस्तु को इस विधि द्वारा नहीं पढाया जा सकता है ।

·        यदि योजना का संचालन ठीक प्रकार से नहीं किया गया हो तो योजना पर कुछ ही छात्रों का प्रभुत्व स्थपित हो सकता है ।

·        इस विधि में परिश्रम व समय अधिक लगता है ।

·        इस हेंतु अच्छी पुस्तकों व प्रशिक्षण का अभाव है ।

 

 प्रोजेक्ट विधि के सिद्धांत (9)

     (1)  उद्देश्यपूर्णता सम्बन्धी सिद्धांत
 (2)  क्रियाशीलता का सिद्धांत
 (3)  उपयोगिता का सिद्धांत
 (4)  वास्तविकता सम्बन्धी सिद्धांत
 (5)  अनुभव सम्बन्धी सिद्धांत
 (6)  स्वतंत्रता से संबंधित सिद्धांत
 (7)  समन्वय का सिद्धांत (सबसे महत्वपूर्ण सिद्धांत)
       F    रायबर्न ने समन्वय के सिद्धांत को प्रयोजना विधि का सर्वश्रेष्ठ सिद्धांत बताया है ।
       F    इस विधि के अन्तर्गत समस्त विद्यालयी विषयों को ध्यान में रखकर शिक्षण कार्य
                  करवाया जाता है और प्रयोजना के माध्यम से इन विषयों के मध्य परस्पर संबन्ध
                  स्थापित किया जाता है ।
(8)  सामाजिकता का सिद्धांत
(9)  मितव्ययिता का सिद्धांत





                                      प्रोजेक्ट के प्रकार


    व्यक्तिगत प्रोजेक्ट                                     सामूहिक प्रोजेक्ट
  (मॉडल, मानचित्र)                                           (बागवानी)


किलपैट्रिक के अनुसार (प्रोजेक्ट के प्रकार)

·        किलपैट्रिक ने पुस्तक Foundation of Method में प्रोजेक्ट के चार प्रकार बतलाएं है ।

(1)  रचनात्मक / उत्पादनात्मक / सृजनात्मक प्रोजेक्ट

(2)  अभ्यासात्मक / कौशलात्मक / विशिष्ठ सीखने के प्रोजेक्ट

(3)  समस्यात्मक / बुद्धि के प्रोजेक्ट

(4)  आनंदात्मक / कलात्मक / उपभोक्तात्मक प्रोजेक्ट

थॉमस एम. रिक्स के अनुसार (प्रोजेक्ट के प्रकार)

·        थॉमस एम. रिक्स ने पुस्तक Principles and Practices of Teaching in Secondary School में प्रोजेक्ट के तीन प्रकार बताएं है ।

(1)  उत्पादन परियोजनाएं
(2)  विशिष्ठ सीखने के प्रोजेक्ट
(3)  बिद्धि के प्रोजेक्ट / समस्यात्मक प्रोजेक्ट